; Damaged Think Tank: March 2012

Friday, March 9, 2012

दिल की आवाज

हर इक कोना महका महका सा लगता है,
जब एक नजर में उठा कर देखूं ,
कोई अपना अपना सा लगता है
अब हर कोना महका महका सा लगता है||
बस का सफ़र हो या छत की मस्ती,
पेड़ों की ठंडक हो या साँसों की गर्मी ,
उसका हसना,
मौसम का सजना,
उसका संवरना,
अँधेरी रातों में जैसे तारों का चमकना,
वो लहराती हवा सरसराता आँचल,
जैसे पेड़ों के साए में डाली का मचलना,
हर कोना अपना अपना सा लगता है ||
............................
प्यार हो तुम एहसास हो तुम,
दिल में बसा एक खूबसूरत संसार हो तुम,
शीतल हवा और पंखुड़ी सी कोमल,
खिलते गुलाब की टहनी जो करे तन मन में हलचल,
भंवर सी आँखें और खिलता गुलाब हो तुम,
प्यार हो तुम||
...................................................
इज़हार प्यार का,
वादा साथ निभाने का करता हूँ,
साथ हो तुम्हारा तो उस संयोग को ,
हकीकत बनाने का करता हूँ,
खुशियाँ दूँ सारी प्यार की कभी कमी न हो,
वादा साथ निभाने का करता हूँ||
  ................................................