; Damaged Think Tank: सच्चाई जीवन की

Thursday, November 17, 2011

सच्चाई जीवन की

तारीफ़ की किसको आस नहीं होती,
प्यार की किसको प्यास नही होती,
दर्द तो तब होता है जब लगता था हुनर है ,
कुछ कर दिखाने का,
और किस्मत साथ नही देती,||

दुनिया से लड़ने की हिम्मत है मुझमे,
यूँ किस्मत से लड़ पाना भी आसां नहीं होता,
किस किस से लड़े ये नादान दिल,
प्यार को यूँ भुलाना भी आसां नहीं होता,||

जख्म तो देती है ये दुनिया ,
पर मल्ल्हम अपने तो लगा ही देते है,
जब घाव दिए अपनों ने तो सिर्फ आंसू बहाए जाते है,||

ऐ दिले नादान न कर कुछ ऐसी गलती,
ये जालिम दुनिया जीने नहीं देगी,
जब ओढ़ी होगी सफ़ेद चादर ,
तो ही बस सुध लेगी,||

जब पता है दुनिया की सच्चाई ,
तो क्या घबराना ,
हसना,जीना और मुस्कुराना,
हसना ,जीना और मुस्कुराना |||||


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