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Thursday, November 17, 2011

ये  आसमां

बैठा था नीले आसमान के तले,
सुर प्रेम रंग के तन मन में हिले||

ये समां कुछ याद दिलाता है थोडा शर्माता है,
थोडा सकुचाता है पर क्या कुछ कह जाता है,||
 
सपनो की दुनिया में जब भी खोया वीरानिया भी हसीन लगती है,
पर क्यों अक्सर इस दुनिया में मुहब्बत दम तोड़ देती है,||

एहसास है प्यार का जो दिल में रहता,
जब जब में बैतू नीले आसमान के तले ,तब तब ये  कुछ कहता,
समंदर का नीला पानी आसमान में मिलता,
पल  पल  मिलन की याद दिलाता है,||

लेकर जो नीला रंग ख्वाब दिल में बुने,
सरगम के सुर के साथ तार तन मन में हिले||||

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