; Damaged Think Tank: 2011

Thursday, December 29, 2011

Safar Jindgi ka

humne unke bharose duniya chhod di.unhone hume chhod diya..
duniya ki itni bheed me akela kar tod diya..

Lakho prayatn kiye humne girkar sambhalne ke..
kuch unko bhula dene ke kuch khud bhool jane ke..

mushkilein nahi itni aasan..safar abhi adhoora hai..
kaise karu shuruat hona kya ye pura hai..?

diya hai usne mauka fir se galtiya dohrane ka..
bhugat chuke hai saja jarurat se jyada sajane ka..

yado ka safar nahi hai chhota..jindgiya chhoti pad jayengi..
aapka ehsaas aur humari bhaavnayein kya kabhi fir se mil payengi..

milne aur milane wale hum kaun hote hai..
ho agar khuda ki iccha to koi na gam me rote hai..

seekha hai jeevan ka saar hasna aur hasana hai..
raah me hai baadhayein saathi unhe bhul jana hai..

hasi hai jeene ka maadhyam use turant apnaao..
gum me yu dubokar jeevan na kabhi bitao..

phle bhi mile the aage bhi milenge.
ye to hai jeevan ka silsila wo bhi hsenge hum bhi hsenge..






Friday, December 2, 2011

उड़ता पंछी(2)

एक विचार जो  मन में आया
मन का पंछी फिर उड़ पाया
पंछी के पंख, हमारे अपने होंसला देते है
जो हो साथ उनका तो हर पल एक नया सपना देते है |

कौन कहता है सपने सच नहीं होते है
जो हो नजरिया कुछ पाने का तो मेहनत
के हर पायदान रंगीन होते है|


ऐ पंछी उड़.. पर न हो सपने कुछ इस कदर की
जूनून हो उड़ने का , और हम  भूलें अपना ही घर
हर उड़ान के बाद लौट कर घर आना होता है
न हो गर साथ अपनों का तो हर सच सपना भी बैगाना होता है

जीवन की दौड़ और सफलता के संघर्ष में लोग
अपनों को भूल  जाते है,
होता है एहसास तब सफलता के मुकाम पर खुद को तनहा पाते है,


सपने हो लाख चाहे ऊँची उड़ान के ,
पर आज भी पापा की अंगुली पकड़ कर चलना अच्छा लगता है,
जो हो साथ अपनों का अगर , तो ही
हर सपना सच्चा लगता है,


जीवन की सफलता मन की ख़ुशी में है
मन की ख़ुशी अपनों के साथ में है,
साथ है गर अपनों का तो
जहान है,जहान है जहान है ||


Thursday, November 17, 2011

ये  आसमां

बैठा था नीले आसमान के तले,
सुर प्रेम रंग के तन मन में हिले||

ये समां कुछ याद दिलाता है थोडा शर्माता है,
थोडा सकुचाता है पर क्या कुछ कह जाता है,||
 
सपनो की दुनिया में जब भी खोया वीरानिया भी हसीन लगती है,
पर क्यों अक्सर इस दुनिया में मुहब्बत दम तोड़ देती है,||

एहसास है प्यार का जो दिल में रहता,
जब जब में बैतू नीले आसमान के तले ,तब तब ये  कुछ कहता,
समंदर का नीला पानी आसमान में मिलता,
पल  पल  मिलन की याद दिलाता है,||

लेकर जो नीला रंग ख्वाब दिल में बुने,
सरगम के सुर के साथ तार तन मन में हिले||||

उड़ता पंछी (1)



आसमान में उड़ता पंछी और कोयल की कूक बोली,
जो हुआ भंवर तो दिल में उषा की किरण खिली,||

अधूरे ज्ञान से सपने सच नही होते,
पेट तो हर परिन्दा भरता है,
जब हो ख्वाब कुछ करने के,तो होते वो पुरे
जब मजबूत इरादा होता है,|||

यह सोच कर एक कहानी याद आई,
जब मकड़ी चढ़ी बार बार घर पाने को,
और राजा को हिम्मत आई,|

दिल बोला क्यों तुमने इतना सोचा ,
कर्म करो,आगे बढ़ो लेकर नाम प्रभु का,
सफलता का रास्ता असफलता की सीढियों से जाता है,
यही नीरस सच जीवन का,|

जीवन के इस सच ने कितनो को डुबोया ,कितनो को ताराया,
अंतर था तो यहि जो समझा असफलता को अंतिम पायदान
जीवन की जंग में खुद को हराया,||

रखे जो बात ध्यान हम ,किसी कहानी का अंत बुरा नही होता,
परीक्षा हो दुश्वार कितनी,ये तो बस सुखद हे होता,,|||



एक ख़याल 

आज दिल में एक ख़याल आया,
जब तुमको इतना करीब पाया,
न सोचा था कभी होंगा में इतना खुशनसीब,
तो में यूँ इठलाया,

सपने जो देखे लाख ,
अरमान थे पूरे करने के,
मुश्किलें तो हर राह में आती है,
फिर ऐसे न डर प्रेम के राही,
जिन्दगी है जलेबी की तरह सीधी,
थोडा तो सताती है,||

यही सच जिन्दगी का,जानकार दिल घबराया,
पर ख़ुशी इसी बात की जो तुमको पाया,
हूँ में खुशनसीब,
तो में यूँ इठलाया||||


सच्चाई जीवन की

तारीफ़ की किसको आस नहीं होती,
प्यार की किसको प्यास नही होती,
दर्द तो तब होता है जब लगता था हुनर है ,
कुछ कर दिखाने का,
और किस्मत साथ नही देती,||

दुनिया से लड़ने की हिम्मत है मुझमे,
यूँ किस्मत से लड़ पाना भी आसां नहीं होता,
किस किस से लड़े ये नादान दिल,
प्यार को यूँ भुलाना भी आसां नहीं होता,||

जख्म तो देती है ये दुनिया ,
पर मल्ल्हम अपने तो लगा ही देते है,
जब घाव दिए अपनों ने तो सिर्फ आंसू बहाए जाते है,||

ऐ दिले नादान न कर कुछ ऐसी गलती,
ये जालिम दुनिया जीने नहीं देगी,
जब ओढ़ी होगी सफ़ेद चादर ,
तो ही बस सुध लेगी,||

जब पता है दुनिया की सच्चाई ,
तो क्या घबराना ,
हसना,जीना और मुस्कुराना,
हसना ,जीना और मुस्कुराना |||||


Friday, September 23, 2011

जीने की तमन्ना है

दिल कहता है जी लू कुछ पल , सपनो की दुनिया में , तनहा तनहा सा ॥
हसरतें है बहुत पूरी करने को , ख्वाब लगता अधूरा अधूरा सा ॥
जिस दिल में कभी शोले जला करते थे , आज धुआं सा उठता नजर आता है ..
वक़्त की रुसवाई तो देखो .. इक चिंगारी आकर फिर सुलगा जाती है ॥

कहा था किसी ने न सुन भूत की , न सोचो भविष्य की ..
कलियुग की दुनिया से अनजान ये गलती कर बैठा ..
हुआ जब एहसास तो मान ने को तैयार नही था ..

जूनून था कुछ कर दिखने का ... भटका जो पथ पर ..
टूटा जो इक तारा पूरा रास्ता भूल सा गया था ..
वक़्त था मुद कर वापस आने का .. पर समय की पाबन्दी थी ..
क्युकी सपने जी कर पुरे किये जाते है ..और ..
वो जीना भी क्या जीना जहाँ दो पल खुशगवार नही था ..


शोले से धूँआ ..धुएं पर पानी ... सब बहा देती है ॥
सपने थे कुछ इस माफिक की इक चिंगारी फिर सुलगा जाती है ..
है तमन्ना कुछ इस कदर जीने की ..की बस जी लू

abhi...

abhi...
Dil Khta hai ji lu Kuch pal, sapno ki duniya me, tanha tanha sa..
Hasratein hai bahut puri karne ko, Khwaab lagta adhoora adhoora sa..

Jis dil me kabhi sholay jala karte the, aj dhooan sa uthta najar ata hai..
Waqt ki ruswayi to dekho.. Ik chingaari akar fir sulga jati hai..

Kaha tha kisi ne na sun bhoot ki, na socho bhavishya ki..
kaliyug ki duniya se anjaan ye galti kar baitha..
hua jab ehsaas to man ne ko taiyar nhi tha..

junoon tha kuch kar dikhane ka... bhatka jo path par..
toota jo ik tara.. pura rasta bhul sa gya tha..
Waqt tha mud kar wapas ane ka.. par samay ki pabandi thi..
Kyuki sapne ji kar pure kiye jate hai ..aur..
wo jeena bhi kya jeena jahan do pal khushgawar nhi tha..


sholay se dhooan.. dhuyein par paani... sab baha deti hai..
sapne the kuch is maafik ki ik chingaari fir sulga jati hai..
hai tamanna kuch is kadar jeene ki.. bs ji lu..

Saturday, August 27, 2011

My Recent visit to Govardhan

Sprituality is the best way which i found for the peace of mind..
recently on Janmotsav of "KRISHNA" i got the wonderful opportunity to visit the birth place of krishna "MATHURA" and Govardhan...

Govardhan Hokar aya Hu.. Prabhu se mil kar aya hu
Jo mile kanha govardhan me ..bole na rachu ab leela jo kiya anshan ANNA ne
kyu na maani baate sarkaar ne.. kya ghabra gyi apne he paap se..
ldayi hmari na sarkaar se hm to bas khilaaf bhrastaachaar ke..
Esa mahaul bnana hoga...jo kre kanhaiya madhuvan me raas.. har dil me pyar basana hoga..
ye to ik choti si awaaz...awaam ko jagana hoga..
is pyare bharat ko fir sone ki chidiya bnana hoga..